पेट्रोल-डीजल पर शुरू से होती रही है राजनीति


 नई दिल्ली। यह तो रही हकीकत लेकिन इसको लेकर जिस भी पार्टी को मौका मिलता है वह अपनी राजनीति भी चमकाने से पीछे नहीं रहती है। दूसरे शब्दों में कहें तो पेट्रोल-डीजल पर शुरू से होती रही है राजनीति। मसलन, जब कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार केंद्र में थी तब मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही कहा था कि पेट्रोल की महंगाई सरकार की नाकामी का सबूत है। प्रकाश जावड़ेकर बोले थे- 34 रुपये में मिल सकता है पेट्रोल।

    फरवरी 2015 में दिल्ली विस चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर नसीब के कारण पेट्रोल-डीजल के दाम कम होते हैं तो बदनसीब की क्या जरूरत है? वहीं विपक्षी दल लगातार बढ़ते कीमत को लेकर सरकार पर हमले बोले जा रहे हैं। आपको यह शायद याद न हो, 2012 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब उन्होंने ट्वीट किया था कि पेट्रोल की कीमतों को बढ़ाने का फैसला संसद के सत्र के खत्म होने के एक दिन बाद लेना संसद की गरिमा को चोट पहुंचाना है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि यूपीए सरकार कसाई खानों को सब्सिडी देती है और डीजल की कीमतों को बढ़ाती है। क्या ये कांग्रेस की दिशा है?

2014 के चुनावों में बीजेपी की तरफ से पोस्टर जारी कर कहा गया था, ‘बहुत हुई जनता पर पेट्रोल-डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार। ’7 नवंबर 2011 को बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था, ‘हम चैलेंज के साथ कह सकते हैं कि पूरी तरह से रिफाइंड पेट्रोल दिल्ली में 34 रुपये और मुंबई में 36 रुपये से मिल सकता है तो उसके दोगुने दाम क्यों सरकार की तरफ से लिए जा रहे हैं? बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने 25 जुलाई, 2012 को कहा था कि जब पेट्रोल के दाम बढ़ते हैं तो सरकार एक्साइज़ ड्यूटी पर मुनाफा भी कमाती है। सरकार को कोई नैतिक अधिकार नहीं है आम आदमी की बात करने का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों का ठीकरा पुरानी सरकार पर फोड़ा है।  हालांकि हकीकत यह है कि मनमोहन सिंह की सरकार 110 डॉलर प्रति बैरल पर कच्चा तेल खरीदती थी। तब वह भारत में 71 रुपये लीटर बेचती थी। मोदी सरकार 64 डॉलर में खरीद कर 100 रुपये में बेच रही है। हालांकि मोदी सरकार 35 डॉलर में जब खरीदती थी तो भी 80 रुपये के पार पेट्रोल बेचती थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार के काल में क्रूड 41% सस्ता, लेकिन पेट्रोल 26% महंगा है। यह भी हकीकत है कि बढ़ते दामों को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रही कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में हुआ करती थी तो उसका कहना था कि विश्व बाजार में बढ़ती कीमत के कारण ऐसा हो रहा है।